चंडीगढ़। लोकसभा चुनावों के बीच मुख्यमंत्री नायब सैनी से प्रदेशभर के सैंकड़ों गांवों के सरपंचों ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सरपंचों से आह्वान किया कि सरपंच छोटी सरकार का मुखिया है। इसलिए वह सभी को साथ लेकर चले और गांव के विकास के लिए बेहतर ढंग से काम करें। उन्होंने सरपंचों को आगाह किया कि कुछ लोग केवल अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं, ऐसे लोगों को झांसे में न आए।
प्रदेशभर के सरपंचों ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात,सौंपा मांग पत्र
मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार को देररात मुख्यमंत्री और सरपंच प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई वार्ता में कई मांगों पर सहमति बनी और मुख्यमंत्री ने आचार संहिता हटने के बाद सरपंचों को नई सौगात का आश्वासन दिया। इस दौरान सरपंचों ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र भी सौंपा, जिस पर मुख्यमंत्री ने समस्याओं का निदान का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह ने सरपंचों के प्रतिनिधिमंडल की समस्याएं सुनने के बाद आश्वासन दिया कि जो भी मांग पहले से ही सरकार के विचाराधीन हैं, उन पर संबंधित विभाग द्वारा एक-एक मांग पर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरपंच प्रतिनिधियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और आचार संहिता हटने के बाद इन पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया है। सरपंचों ने आशा व्यक्त कि मुख्यमंत्री 4 जून को लोक सभा चुनाव के बाद उनके सभी लंबित मामलों पर सकारात्मक रुख अख्तियार करते हुए उन्हें बहुत बड़ी सौगात देंगे। इस अवसर पर दूनी चंद (प्रधान बाबैन), बसंत राम उमरी (सरपंच प्रतिनिधि), जीत सिंगला (सरपंच बाबैन), जितेंद्र खैहरा (जिला प्रधान सरपंच एसोसिएशन कुरुक्षेत्र ) सहित दर्जनों सरपंच और पंचायत पदाधिकारी मौजूद रहे।